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बिल्डर द्वारा घर खरीदनेवाले सीधे-साधे लोगों की लूट

किरीटनामा - 9

· hindi

वाशी (मुंबई) के श्री पीटर फ़र्नांडीस अपने ऑफ़िस के 4/5 सहकर्मियों के साथ मुझसे मिलने कुछ ही सप्ताह पहले आए थे.  इस बार विषय था “बिल्डर द्वारा सैंकडो इमानदार घर खरीदनेवलों के साथ की गई धोखाधडी.”

 

            यह कहानी संक्षेप में इस प्रकार थी -

  • मुंबई और आसपास के इलाकों के सीधे-साधे नौकरीपेशा मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय लोग सचिन झेंडे नामक तथाकथित बिल्डर द्वारा धोखे और लूट के शिकार हुए थे.
  • सन 2010 से महाराष्ट्र के कई हिस्से - मुंबई, नवी मुंबई, रायगड, ठाणे, पुणे के कुछ हिस्सों में और नासिक इन जगहों पर सचिन झेंडे द्वारा धोखाधडी की गतिविधियां चालू थी.
  • मुंबई के कई इलाकों के स्थानीय पुलिस स्टेशन में, जिनमें शिवाजी पार्क, मालाड भी शामिल हैं, शिकायतें दर्ज की गई थी पर कार्यवाही नहीं की गई थी. 
  • मैंने इस विषय के बारे में आवाज उठाने की ठान ली. मैंने श्री पीटर फ़र्नांडीस से कहा की वे धोखाधडी के शिकार लोगों से संपर्क करें, सोशल-मिडीया का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इकठ्ठा करने का प्रयत्न करें.
  • 4 जुलाई, 2019 को हमने नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर श्री संजय कुमार से मुलाकात की. श्री संजय कुमार ने विभिन्न भागों से आए हुए पीडित ग्राहक और आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offence Wing – EOW) के अधिकारियों के बीच एक गोल-मेज सम्मेलन का आयोजन किया.

घर खरीदनेवालों का प्रतिनीधी मंडल मुंबई पुलिस से मिलने पहुंचा

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  • श्री संजय कुमार ने EOW के अधिकारियों सख्त निर्देश दिए कि सचिन झेंडे के विरुद्ध तुरंत ही नए सिरे से शिकायत दर्ज की जाए.
  • जब उन्हें यह पता लगा कि नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर के संभाग में इसी प्रकार की शिकायत ( FIR ) पहले से ही दर्ज की जा चुकी है तो वो हैरान रह गए. 
  • ग्राहक न्यायालय ( Consumer Court ) ने सचिन झेंडे के विरुद्ध वॉरंट जारी किया था. पर इस संदर्भ में भी आगे कोई कार्यवाही नहीं हुई.
  • श्री संजय कुमार जी ने EOW के श्री तुषार दोशी जी (डेप्युटी कमिश्नर - DCP) को व्यक्तिगत तौर पर इस विषय में ध्यान देने को कहा.
  • 14 जुलाई, 2019, रवीवार को हमने ऐरोली (मुंबई) के प्रियंका बॅंकेट हॉल में सभी पीडित ग्राहकों के साथ एक विशेष सभा का आयोजन किया.
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श्री तुषार दोशी (DCP) अपनी टीम के साथ सभा में उपस्थित थे. उन्होंने उपस्थित सैकडों पीडित ग्राहकों को विश्वास दिलाया कि इस मामले की योग्य तरीके से जांच होगी और धोखेबाजों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी.

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श्री तुषार दोशी (EOW DCP) और डॉ. किरीट सोमैया घर खरीददारों की सभा में

  • श्री तुषार दोशी जी ने सभी छोटे निवेशकों से/ घर खरीदनेवाले ग्राहकों से निवेदन किया कि वे नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर संभाग के पुलिस स्टेशन में नए सिरे से शिकायत दर्ज कराएं.
  • अगले दो ही दिनों में 80 से अधिक सदस्यों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराईं.

श्री पीटर फ़र्नांडीस के संदेश (WhatsApp)

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  • जांच अधिकारी के तौर पर श्री जयंत राजुरकर, और लेखन के कार्य हेतु अधिकारी श्री मनोज तातुगडे जी की नियुक्ति सचिन झेंडे की केस के सिलसिले में की गई.
  • हमने अलिबाग स्थित रायगड पुलिस सुपरिटेण्डेंट से भी मुलाकात की और वहां भी शिकायतें दर्ज कराई.
  • अगले दो सप्ताह तक सभी पीडीत निवेशक, उनके नेता श्री पीटर फ़र्नांडीस और मेरे ऑफ़िस के सहकारी विभिन्न पुलिस स्टेशन में और नवी मुंबई के EOW के पुलिस कमिश्नर ऑफ़िस के अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए थे और कर्यवाही की प्रगती के बारे में आग्रह कर रहे थे.
  • 14 अगस्त, 2019 नवी मुंबई पुलिस कमिश्नर के अधिकारियों ने सचिन झेंडे की गिरफ़्तारी की कार्यवाही पूर्ण की.

पुलिस की तरफ़ से हमें सूचना मिली कि ---​

  • हमारी शिकायत के आधार पर नवी मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा ने सचिन झेंडे को गिरफ़्तार किया है.

सचिन झेंडे निम्नलिखित संस्थाओं से संबंधित हैं

निसर्ग कंस्ट्रक्शंस (Nisarg Construction)

अमृत डेवलपर्स (Amrith Developers)

अमृत इन्फ़्राकॉन (Amrith Infracon)

निसर्ग आर्केड (Nisarg Arcade)

निसर्ग विला (Nisarg Villa) ..

सचिन झेंडे ने वाशी, सवी मुंबई, मुंबई, ठाणे, पुणे और रायगड जिले के सैंकडों छोटे निवेशकों और घर खरीदनेवालों के साथ धोखाधडी की है.

नवी मुंबई पुलिस ने सचिन झेंडे को कोर्ट में पेश किया और उसके द्वारा धोखाधडी के मामलों को विस्तारपूर्वक कोर्ट में तथा मीडिया के सम्मुख प्रस्तुत किया.

सचिन झेंडे – धोखेबाज बिल्डर की गिरफ़्तारी

आखिरकार महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के अधिकारियों ने धोखेबाज बिल्डर को, जिसकी दर्जनों पुलिस थानों द्वारा तलाश की जा रही थी, गिरफ़्तार कर ही लिया. उसने गैरकानूनी रुप से बहुत से लोगों से पैसे लेकर उन्हें कामोठे, खोपोली और पनवेल के पास कोंडाळे-चिंचवली गांव में  फ़्लॅट, रो-हाऊस, और प्लॉट देने का वादा किया था. नवी मुंबई की पुलिस ने बिल्डर के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (Indian Penal Code Section 420 -cheating) के अंतर्गत और Maharashtra Ownership Flats (Regulation of the Promotion of Construction, Sale, Management and Transfer) Act के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है.

नवी मुंबई के खांडेश्वर पुलिस स्टेशन में चार और शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में एक मामला बिल्डर सचिन झेंडे के विरुद्ध दर्ज किया गया था. ग्राहक न्यायालय (Consumer Court) में उसके खिलाफ़ Cheque Bounce. 182 मामले प्रलंबित थे. बाईस (22) मामलों में उसके विरुद्ध वॉरंट भी जारी किया जा चुका था.

श्री पीटर फ़र्नांडीस और अन्य पीडीत व्यक्तियों लिखा

निरंतर रुप से और सही समय पर डॉ. किरीट सोमैया द्वारा हस्तक्षेप किये जाने के कारण आखिरकार बेलापूर पुलिस थाने के अधिकारी अमृत इन्फ़्राकॉन प्रा. लि./ निसर्ग आर्केड/ निसर्ग कंस्ट्रक्शन्स आदि कंपनियों के मालिक सचिन झेंडे को सफ़लतापूर्वक गिरफ़्तार कर लिया गया. बिल्डर ने बहुत से सीधे-साधे घर खरीदनेवाले ग्राहकों के साथ धोखाधडी की है. ये मामला पचास करोड से भी अधिक का है. सचिन झेंडे के विरुद्ध पुलिस स्टेशन में काफ़ी सारी शिकायतें दर्ज हैं.

डॉ. किरीट सोमैया जी ने इस धोखेबाज बिल्डर के खिलाफ़ आवाज ऊठाई. उन्होंने पीडीत ग्राहक और पुलिस अधिकारियों के साथ कई बार मुलाकात की और यह सुनिश्चित किया कि सचिन झेंडे के विरुद्ध सख्त कार्यवाही हो.

सभी पीडित सदस्य डॉ. किरीट सोमैया जी के प्रयत्नों के देखकर चकित और हैरान रह गए हैं. उन्हें अब आशा की किरण दिखाई दे रही है कि उनके पैसे उन्हें वापस मिल जाएंगे और उनके साथ न्याय होगा. उन्हें ऐसा भी लगता है कि हमारा देश भारतीय जनता पार्टी के हाथों सुरक्षित में है जो सर्व सामन्य व्यक्ति की सुरक्षा के लिए कार्यरत है.

हम उन सभी पीडीत व्यक्तियों से अपील करते हैं कि उपरोक्त परियोजनाओं में जिनके साथ धोखा हुआ है वे सामने आकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं ताकि आगे से कोई भी सीधे-साधे ग्राहकों को धोखा देने का प्रयत्न न करे.

सचिन झेंडे के मामले में हमारे आगे के प्रयत्न जारी थे

श्री पीटर फ़र्नांडीस ने मुझे बताया….

अलिबाग के ग्राहक मंच ने सचिन झेंडे केस में नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर के विरुद्ध गैर-जमानती वॉरंट जारी किया है क्यों कि खंडेश्वर पुलिस स्टेशन के अधिकारी सचिन झेंडे की कोर्ट मे एक पूर्व गैर-जमानती वॉरंट के मामले में पेशी कराने में असमर्थ रहे.

मैंने इस गैर-जमानती वॉरंट (Non Bailable Warrant-NBW) की कॉपी कमिश्नर ऑफ़िस में और  EOW के ऑफ़िस में प्रस्तुत की है.  उनके विचार से उन्हें इस बात की जानकारी पळोजा जेल के जेलर को देनी होगी. अगर सचिन झेंडे को चर्ज-शीट नंबर 148 में जमानत मिलती है, तो उसे पुन: गिरफ़्तार करके अलिबाग के ग्राहक मंच के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा और अगर वह बकाया राशी का भुगतान नही करता है तो उसे फ़िर से जेल भेज दिया जाएगा.

पीटर फ़र्नांडीस

ये बहुत ही आश्चर्यकारक और हैरानी की बात है की सन 2010 से सचिन झेंडे लोगों को धोखा दे रहा था. विभिन पुलिस थानों में, जिनमें शिवाजी पार्क, मालाड, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे और नाशिक भी शमिल थे, शिकायतें दर्ज थीं परंतु किसी भी प्रकार की कार्यवाही गंभीरतापूर्वक नहीं की गई थी. हमने इस विषय को उठाने के बाद इसमें गती आई.

  • नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर श्री संजय कुमार निश्चित रुप से धन्यवाद के पात्र हैं. उन्होंने विषय की गंभीरता को समझा और तुरंत कार्यवाही की.
  • श्री पीटर फ़र्नांडीस भी सचिन झेंडे की धोखाधडी का शिकार थे. अपनी रोजमर्रा की जिंदगी और असमय आने और जाने वाली नौकरी को संभालते हुए उन्होंने मेरे ऑफ़िस, विभिन्न पुलिस स्टेशन और न्याय व्यवस्था के संपर्क में रहकर, कार्यवाही के लिए आग्रही रहकर, जो काम किया वह सराहनीय है.
  • सैंकडों छोटे निवेशकों ने और घर खरीदनेवालों ने न्याय पाने के लिए अपना समय दिया.
  • DCP श्री तुषार दोशी जी ने शिकायतें दर्ज की और विषय को आगे बढाया. उन्हें भी बहुत बहुत धन्यवाद.
  • DCP श्री प्रवीण पाटील और उन्के सहकर्मी API श्री जयंत राजुरकर और श्री तातुडे, इन सभी ने तथ्यों को जुटाया, केस को सुचारु रुप से तैयार किया, और समाधानपूर्वक इस केस को अंजाम दिया जिसके कारण सचिन झेंडे सलाखों के पीछे पहुंच सका.

सचिन झेंडे आज 14 सितंबर 2019 को तळोजा पुलिस की कोठरी में है

सीख:

  • दर्जनों ऐसे धोखेबाज बिल्डर हैं जो छोटे निवेशकों को, सीधे सादे ग्राहकों को लूट रहे हैं.
  • यह जरुरी है कि इन सभी को एक साथ मिलकर उचित और योग्य अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए.
  • पुलिस और न्याय-पालिका में शिकायत दर्ज कराकर समय समय पर कर्यवाही के प्रति आग्रही रहना चाहिए. सचिन झेंडे की कंपनियों के माध्यम से घर खरीदनेवाले व्यक्तियों से और श्री पीटर फ़र्नांडीस से यह बात सीखनी चाहिए. 
  • नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर श्री संजय कुमार जी की सराहना की जानी चाहिए. उन्होंने विशेष रुप से इस कार्य में प्रयास किए और छोटे निवेशकों, घर खरीदनेवलों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई जिससे उन्हें न्याय मिल सका.
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श्री पीटर और उनके सहयोगी मेरे मुलुंड स्थित ऑफ़िस में​